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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

5.0  

Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

एक परिवारिक... तस्वीर

एक परिवारिक... तस्वीर

1 min
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एक पुरानी............

पारिवारिक ,

तस्वीर देख कर

कितने सवाल ....,?

खडे हो जाते है।


और बिना किसी कसूर के, 

 इल्ज़ाम , फिर से हरे हो जाते है।


 रिश्ते निभाने की ,

 हमें ही सजा क्यूँ है। 

 बाकि तो सब ,

 दामन झाड के ,

 परे हो जाते है।


एक पुरानी .......

परिवारिक तस्वीर देख कर।


रिश्तों को चार दीवारी मे ,

रिसता हुआ पाता हूँ। 

मै उन तमाम शब्दों को ,

बरसों से दबाये आया हूँ।

       

 जिंदगी मे ,

 जो लोग रिश्ते 

 संभाल नही पाते है।

 वहीं लोग ,

खुद को सही ,

 साबित करने के लिए

 रिश्तों पर उँगलियाँ उठाते है।


 सब के सामने छाती ठोक के ,

 बात -बात पे लोगो के आगे ,

 दुखड़ा रोकर सच्चे हो जाते है।


वहीं लोग परिवार को ,

जब अपना मानते ही नही।

तस्वीरों में मुँह बना के ,

किस मुँह से खड़े हो जाते है।


 कितना भी दिखावा कर ले।

 तस्वीरों में दिल में तीर -से,

 चूभते ही रह जाते है।


 अपने जमीर से, 

 ऐसे लोग ,

आँख नही मिला पाते है।

 साथ खड़ा होकर भी,

 तस्वीर से निकल जाते है।

 


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