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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

एक नज़र खोई - खोई

एक नज़र खोई - खोई

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एक नज़र खोई - खोई ,

उसकी काम कर गई ,

वो मेरा सरे बाजार में ,

कत्ल ~ए ~आम कर गई।


वो देखे दूर - दूर से ,

अपनी कँखियो से मुझे ,

मैं जब करूँ इशारे ....

वो जलवे ज़ाम कर गई।


उसकी नज़र का जादू ,

कुछ ऐसा चढ़ा मुझपे ,

मैं पीने गया मयखाने ,

वो वहाँ भी ज़ाम भर गई।


मूँद पलक एक आँख की ,

उसने आँख ऐसे चलाई ,

मेरे दिल पर लग वो पलक ,

मेरा काम तमाम कर गई |


वो बहाने बना कर चली गई ,

अपनी खोई नज़र के साथ ,

एक नज़र खोई - खोई ,

उसकी काम कर गई।।



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