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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Classics Inspirational

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DR ARUN KUMAR SHASTRI

Classics Inspirational

एक नई सुब्ह

एक नई सुब्ह

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तंज को त्याग दे प्राणी

भजन में ले जी को लगा

एक नई सुब्ह जो मिली अभी अभी

कर दिल से इसका स्वागत प्राणी

प्रभु चरणों में ध्यान लगा


हो जा सुकर्मा दे अंदर की बुराई को मिटा

कुछ काम ऐसे भी कर ले

जा अपने परलोक को ले सजा 

परमार्थ में ध्यान तू अगर देगा 

ख़ुदा तुझको हर क़दम सहारा देगा 


स्वार्थ की सोच को तो तू अब

स्वयं के सोच से तिलांजलि दे दे 


तंज को त्याग दे प्राणी

भजन में ले जी को लगा

एक नई सुब्ह जो मिली अभी अभी

कर दिल से इसका स्वागत प्राणी

प्रभु चरणों में ध्यान लगा


डरने से कुछ नहीं होगा 

प्रेम की डगर को ले पकड़

राह देखती है वो तेरी 

जाके उसके तरीकों पे चल पड़

सीखने का मौक़ा है

अब किसने रोका है

सुधर जा न्याय को मित्र बना 


तंज को त्याग दे प्राणी

भजन में ले जी को लगा

एक नई सुब्ह जो मिली अभी अभी

कर दिल से इसका स्वागत प्राणी

प्रभु चरणों में ध्यान लगा।


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