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Abhishek Singh

Romance

2.5  

Abhishek Singh

Romance

एक झलक उनकी

एक झलक उनकी

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ऐ नाज़ आफ़रीन सब तुझको ही देखते होंगे 

तुझसे बातें करने को बाहाने ढूँढ़ते होंगे 


शायद ये तेरे हुस्न का ही खुमार होगा 

जाने कितने तेरे इश्क़ में झूमते होंगे 


पहली नज़र में आँखो में बसा लिया हो जिहोंने 

ऐसे जाने कितने आशिक़ तुम्हे मिलते होंगे 


यारो जब वो उठकर अपनी जुल्फ सवारने लगती है 

हम भी अपने जेहन में क्या ख्याल बुनते होंगे 


तुम एक खूबसूरत सी खुशबू जैसी फ़ज़ा में 

तुम्हारे लम्स से वो भी महकने लगते होंगे 


तुम कोई आईना तो नही हो मगर 

तुम्हे देख कर दूसरे खुदको सवारते होंगे 


चाहत और हवस में बहुत फासला है मेरी जाना 

वो तुम्हारे दिल में उतरने की कोशिश करते होंगे 



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