एक-दुजे में खो कर
एक-दुजे में खो कर
एक-दूजे में खो कर ही मैंनें तुमको पाया
सपने प्यारे बुनता गया एहसासों का साया
खिली प्यार की चाॅंदनी में जब मन मेरा भरमाया
प्यार बरसायें सावन की बूंदोंसे भी मन शरमाया
गुंगुनाता भॅंवरा साथ में जब प्रेम का संदेसा लाया
महकती दिल की कलियों ने प्रीत का राग प्यार से गाया
मदमाती अखियों में जब तू प्यार बनके समाया
दिलके हर कोने में मैंने प्यार का दीप जलाया
एक-दूजें में खो कर हमनें प्यार का कॅंवल खिलाया
हर जर्रेने ना जानें कैसे मीत को मनमीत से मिलाया?