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संजय असवाल "नूतन"

Children

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संजय असवाल "नूतन"

Children

एक, दो, तीन, चार ( भाग - दो)

एक, दो, तीन, चार ( भाग - दो)

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एक दो तीन चार,

हमें है, अपने देश से प्यार।


पांच छ: सात आठ,

आओ मिलकर पढ़े ये पाठ।


नौ दस ग्यारह बारह,

चमक रहा आसमान में तारा।


तेरह चौदह पंद्रह सोलह,

कुकड्डू कू मुर्गा बोला।


सत्रह अठारह उन्नीस बीस,

मिलकर सीखें अच्छी सीख।


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