एक दिन
एक दिन
एक सपना हम सजाकर
चलते हैं जीवन पथ पर
ज़वाब जिसमें हर सवालों का
सफ़लता जिसमें हर काम का
मन है जिसके लिए छिन छिन
वो आश है केवल एक दिन
वो वक्त है केवल एक दिन
एक सपना का मंजिल दूर नजर में
थक कर न हारा, एक नूर नजर में
ख्वाब के झुनझुना हर बार डगर में
दर्द को ढका मुस्कान से अधर में
भटकता रहा आश से दर दर मैं
वो आश है केवल एक दिन
वो वक्त है केवल एक दिन
किसी को सुना एक दिन की आश में
हज़ार सपने बुना एक दिन की आश में
न वो दिन आया जीवन रहवास में
एक रेत का टीला ढहा हर प्रयास में
हर प्रयास का मूल आश एक दिन
वो आश है केवल एक दिन
वो वक्त है केवल एक दिन।
