जला ख्वाबों को सहलाता हुआ कोई सुलगता एहसास हूँ।। जला ख्वाबों को सहलाता हुआ कोई सुलगता एहसास हूँ।।
टेक लो माथा उन चरणों में उसकी हर दुआ कुबूल है। टेक लो माथा उन चरणों में उसकी हर दुआ कुबूल है।
वो आश है केवल एक दिन वो वक्त है केवल एक दिन। वो आश है केवल एक दिन वो वक्त है केवल एक दिन।
अंत समय में बैठ चुका हूं थक कर आसान लगाकर। अंत समय में बैठ चुका हूं थक कर आसान लगाकर।
जिसने छोड़ा नहीं मेरा साथ वो तुम ही तो थे। जिसने छोड़ा नहीं मेरा साथ वो तुम ही तो थे।
क्यूंकि चल दिए हम स्वच्छता की आश में, मानवता की विकास में। क्यूंकि चल दिए हम स्वच्छता की आश में, मानवता की विकास में।