Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nishant Varshney

Tragedy

4.0  

Nishant Varshney

Tragedy

एक दामिनी का दर्द

एक दामिनी का दर्द

2 mins
228


इस दर्द को दर्द समझे बिना मरहम लगाया

हर बार में चिल्लाई तभी आकर मुझे बचाया ।


क्यों जरूरत पड़ी मुझे चीखने और चिल्लाने की

क्यों रखी गई न नीवपहले से मुझे बचाने की ।


क्या कसूर था मेरा क्यों मुझे तडपाया इतना

नहीं था मंजूर तो क्यों दुनिया में तुमने मुझे गले लगाया।


तब जिंदगी मेरी उजड़ गई कुछ नहीं पास मेरे

तब कहाँ कहा जमाने ने हम साथ हैं तेरे ।


मैं रोती रही चिल्लाती रही कोई ना निकल कर आया

अब मैं सोने चली जब सब ने आकर मेरे को गले लगाया।


जब मौत मेरे पास आई तब जिंदगी को तरस आया

पूरा देश मेरे लिए सड़क पर उतरआया ।

सब मेरे लिए परेशान थे दयावान


जिससे नहीं था नाता वह भी बना मेहमान ।

सब कहती हैं कि बेटी कल की लाज होती है


पर आज उन्होंने ही मुझे मौत के गले लगाया ।

उस मेहरबानी का करम मुझ पर ना हो पाया


इस गिनौनी दुनिया से रूठ कर मैंने मौत को गले लगाया

पर मैं पीछे तक की आंधी को छोड़ चली हूं


जाते जाते सबकी आंखें खोल चली हूँ।

अपनी उभरती हुई आवाजों को दबने मत देना

खुद की हिफाजत को अब खुद ही शपथ लेना।


लोग कहते हैं छोटे कपड़े मत पहनाओ अपनी बेटी को

पर मुझे तो ना जाने किस-किस ने छुआ होगा

किस किस ने देखा होगा पर मैं कैसे तुझे ना बता पाई।


आज चली मांमां अपने घर की विदाई ले चली

खत्म इस लड़ाई को होने मत देना आज से फिर

किसी लड़की को रोने मत देना।।


Rate this content
Log in