एक छोटा सा दीया
एक छोटा सा दीया
एक दीया छोटा सा जलाये रखना
रफ़्ता ज़िंदगी की चलाये रखना
ये तो त्योहार है खुशियों की यारों
दिल से दिल को मिलाये रखना।।
दिल मिले तो खिलखिलायेंगे सारे
मन गगन में झिलमिलायेंगे तारे
सितारें भी आज उतरेंगे जमीं पर
अपनी आंगन को सजाये रखना।।
यहाँ वहाँ आज पसरी है खुशियाँ
नज़रें जाएगी जहां दिखेगी भी वहाँ
दिलकश नज़ारा है नज़र भर देखो
ज्योत प्रीत का यूँ ही जलाये रखना।।
जन जन में प्रीत मन मन में पुलक
तन तन में हर्ष उल्लासों का झलक
भाईचारे से हटकर कौम में मत बंटो
पावन इस पर्व को पावन ही रखना।
एक छोटा सा दीया जलाये रखना ।।
