गुलाबी ठंड का ख़ुमार , आँगन में पसरी धूप , अलसाई नज़र , मुंदती आँख में चुभता काज गुलाबी ठंड का ख़ुमार , आँगन में पसरी धूप , अलसाई नज़र , मुंदती आँख म...
गलियों में मौत पसरी है हर मोड़ पर जाने किस घड़ी किस रूप में मिल जाए किसे गलियों में मौत पसरी है हर मोड़ पर जाने किस घड़ी किस रूप में मिल जाए किसे
आज भरोसे से कह सकता हूँ हमारे बुरे कर्म ही ये सब करवाते हैं ।। आज भरोसे से कह सकता हूँ हमारे बुरे कर्म ही ये सब करवाते हैं ।।