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Amit Kumar

Drama Romance Others

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Amit Kumar

Drama Romance Others

एक और पैगाम

एक और पैगाम

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एक और पैगाम भेजा है तुम्हे आज,

इस उम्मीद में कि शायद आएगा कोई जवाब,

इस बार तुम्हारी कोई बात नहीं लिखी,

बस अपनी भावनाओं को उकेरा है मैंने,

अक्सर जिसे लेकर शिकवे थे तुम्हें मुझसे


पानी बर्फ बनी थी आँखों में,

और उस बर्फ़ में थम गयी थी धार इसकी,

खत में स्याही से लिखे अक्षर नहीं मिलेंगे,

बस कागज़ पर दो बूंद गिरे थे पानी के,


वही जिसे तुम्हारी यादों ने

जमी बर्फ को पिघला दिया था.

स्याही के लिखे अक्षर नहीं मिलेंगे,

पर ख़त में तुम्हारे हर शिकवे को

दूर किया है मैंने

उम्मीद है कि इस बार

आएगा तुम्हारा जवाब .…


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