एक और जन्म लेकर
एक और जन्म लेकर
सलीके इश्क सीखो जरा हमसे
बर्बाद होकर भी हंसना सीखो हमसे
हम तो हर हाल में भला ही चाहेंगे
दूर रहो चाहे पास कसम से
सोते अरमानों को जगाया है तो सहन कर
अंगारों पर चलाया है मुझे तो अब गम ना कर
मंजिल ए श्मशान जब भी पहुँचूंगा
तुम्हें ही ढूंढने आऊंगा एक और जन्म लेकर

