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एक अजनबी से प्यार का रिश्ता

एक अजनबी से प्यार का रिश्ता

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ये खुदा भी अंजान रिश्ते बनाता है

एक अजनबी से प्यार का रिश्ता बनाता है।


ऋत अलग है, रिश्ता नया है फिर भी

तेरे लिये क्यों प्यार निभाता है।


तूने जो रिश्ता चुना है, हम खफा नहीं तुझसे

बस दिल से गिला है क्यों तेरे लिये दिल जलाता है।


तन्हाईयों से अब रिश्ता बनाया है हमने

रात भर जाग के खुद को आँसूओं में डूबाता है।


ये शब्द नहीं मेरे दिल की आह है

जो तुझे याद करके भुलाने की कोशिश कर

तुझे बुलाता है।।


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