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Avinash Kumar Barnwal

Drama

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Avinash Kumar Barnwal

Drama

ए बादल !

ए बादल !

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ऐ बादल ! अब तू बरसना छोड़ दे.

देख ! मैं चुप हो गया,

अब तू भी रोना छोड़ दे.


मिलना फिर बिछड़ जाना,

सफर का हिस्सा होता है.

किसी की याद में यूँ,

अब तू भी तड़पना छोड़ दे.


वो चला गया,

अब वो लौट के नहीं आयेगा.

उसके इंतजार में यूँ,

मुड़ मुड़ के देखना छोड़ दे !


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