दुनिया का पाखंड
दुनिया का पाखंड


जिंदा लोगों की कदर ना करना,
मर जानने पर हार चढ़ाना,
लूट लेते यहाँ इज्जत जिंदा लोगों की,
मर जाओ तो ओढ़ा देते चादर मलमल की,
साथ रहो तो दुत्कारना,
मर जाओ तो फूल चढ़ाना,
कदर नहीं साथ रहने पे,
बात समझ आती दुनिया से चले जाने पे,
इंसानों के आंसू बहाना,
और मुर्दों पे आंसू बहाना,
वाह रे दुनिया यही है तेरा पाखंड।।