STORYMIRROR

Sneha Swadha

Tragedy

3  

Sneha Swadha

Tragedy

दुनिया का पाखंड

दुनिया का पाखंड

1 min
107

  


जिंदा लोगों की कदर ना करना, 

मर जानने पर हार चढ़ाना, 


लूट लेते यहाँ इज्जत जिंदा लोगों की, 

मर जाओ तो ओढ़ा देते चादर मलमल की, 


साथ रहो तो दुत्कारना, 

मर जाओ तो फूल चढ़ाना, 


कदर नहीं साथ रहने पे, 

बात समझ आती दुनिया से चले जाने पे, 


इंसानों के आंसू बहाना, 

और मुर्दों पे आंसू बहाना, 


वाह रे दुनिया यही है तेरा पाखंड।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy