कमी
कमी
तू पास है फिर भी कुछ कमी सी हैं
दिल की हर आस दबी सी हैं
सोचा था तू सिर्फ मेरा है
जब भ्रम टूटा तो तू टुकड़ों में बटा बैठा है
टुकड़ों मे जीने की आदत नहीं मुझे
ऐसी जिंदगी की चाहत नहीं मुझे
मौत तो सिर्फ मेरी होगी
तब जाकर समूची चादर मेरी होगी!
तू पास है फिर भी कुछ कमी सी हैं
दिल की हर आस दबी सी हैं
सोचा था तू सिर्फ मेरा है
जब भ्रम टूटा तो तू टुकड़ों में बटा बैठा है
टुकड़ों मे जीने की आदत नहीं मुझे
ऐसी जिंदगी की चाहत नहीं मुझे
मौत तो सिर्फ मेरी होगी
तब जाकर समूची चादर मेरी होगी!