STORYMIRROR

Sneha Swadha

Abstract

2  

Sneha Swadha

Abstract

सोने की चिड़िया

सोने की चिड़िया

1 min
97


वीर बेटों की धरती है, 

बेटियों ने भी रचा इतिहास, 


मिट्टी उगलती हैं सोना जहां की, 

शौर्य गाथाएं हैं प्रचलित वहाँ की, 


लूटना था मकसद जिनका इस सोने की चिड़िया को, 

धूल चाट कर रह गए छू ना पाए इस चिड़िया को, 


गति हमारी धीमी हैं मगर बढ़ते जा रहे हैं, 

ऊंचाई के शिखर पर नजर हमारी हैं!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract