Sneha Swadha

Abstract

4.0  

Sneha Swadha

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सावन

सावन

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देखो रे सखी सावन आया

मेरे तेरे सब के दिल को भाया

संग अपने हरे रंग की सौगात लाया

साज, सिंगार और बागो मे झूले


मन इतराए दिल झूमे हौले हौले

भोले को रिझाऊ संग मईया पार्वती को मनाऊँ


कर के वंदना दोनों की

सावन के इस महापर्व मनाऊँ।


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