दुनिया का अंदाज़
दुनिया का अंदाज़
दुनिया का अंदाज़,
और बेलफ्ज़ आवाज़,
थोड़ी सी खुशी की आस,
कभी डर का एहसास,
दौलत की कालीन,
और पैरों तले जमीन,
शरीफो की इज्जत,
और गरीबों कि पीड़ा,
हर टूटे मन की व्यथा,
किसी कि जीवन कथा,
कुछ कीमती चीजों के शौकीन,
कभी छोटी सी बात पे
टूट जाने वाले यकीन,
किसी चोट पे बंधी पट्टी,
किसी उम्मीद की खुदखुशी,
कभी गुजरती उम्र सीमा,
चालीस से अस्सी तक,
हर दर्द सह कर जीना,
परिवार में खटपट,
पैसों का ताल मोल,
मोह माया का जाल,
हर पल तकरार भरे सवाल,
और सब रिश्ते की कुर्बानी,
बेबसी तनाव भरी जिंदगानी,
कुछ जरूरतों के खर्चे,
कुछ बिना वजह के चर्चे,
कुछ झूठे भावनाओं के ढोंग,
कुछ खत्म ना होने वाले रोग,
इन सब आकलन के बाद,
यह सोचना क्या कहेंगे लोग।
