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Diwa Shanker Saraswat

Classics Inspirational

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Diwa Shanker Saraswat

Classics Inspirational

दुनिया का आखिरी इंसान

दुनिया का आखिरी इंसान

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दुनिया का आखिरी इंसान 

विषय कुछ अटपटा है 

जब दुनिया ही मिट गयी 

फिर एक अकेला इंसान 

बच गया क्यों आखिर 

प्रश्न है जटिल 

पर सोचना तो होगा


पढा है कुछ पुरानी किताबों में 

एक बार दुनिया यों ही थी गुलजार 

पर न जाने क्यों 

इच्छा हुई सृष्टि कर्ता के मन में 

कुछ दिन आराम किया जाये

तो कर दिया खत्म संसार 

जो बनाया था खुद ने 

काफी मेहनतों से


हरकत भगवान की मुझको 

दिखती उसी तरह 

एक बालक खेल कर निज खिलोने को

दे तोड़क पल भर में


पर बचा दिया एक इंसान 

कुछ महर्षि भी बच गये 

पर महर्षि होते कुछ ऊपर इंसानों से

उस अकेले मानव की 

थी इच्छाशक्ति अपार 

पा साहाय्य मुनियों की 

फिर रच दिया संसार 

कहलाया मनु आदि 

क्योंकि उल्लेख चौदह मनुओं का

मिलता है किताबों में


और पवित्र बाइबिल ईसाइयों की

उल्लेख कुछ है इसी तरह

पूरी दुनिया मिटाकर भी

एक परिवार बचाया भगवान ने

जैनी भी कहते मिट चुकी दुनिया 

एक नहीं कई बार


बस पात्र बदल रहे हैं 

घटनाएं एक सी हर धर्म की

किताबों में लिखी

सोचते हैं गहराई से इन कथानकों को


संदेश पहला है खिलोना 

यह संसार ईश्वर का

मत इतरा खुद पर इस तरह

जोङ नाता प्रक्रति से भी

वरना यह विकास की दोङ अंधी

मिटा देगी इस जगत को

अभी तो तू रहा प्रक्रति से खेल 

फिर लेगी बदला प्रक्रति भी एक रोज 

इंसान, मिट जायेंगी कोमें तेरी


कुछ दूसरा संदेश 

देती मौका प्रक्रति पुनर्सृजन का

हार कोई हार नहीं 

है मौका फिर जीत का

जला कर दीप आशा का

असंभव नहीं कुछ भी 

कुछ लोगों ने दुवारा से रच दिया जगत 

भले ही कहानियों में 

तो इंसानियत की राह पर चलो

पकङो राह सच्चाई की

दया, करुणा, त्याग, अहिंसा 

लो उतार मन में


कहावत अकेला चना भाङ नहीं भूनता 

भूल जाओ मन से

अकेले इंसान ने तो 

कर दी दुनिया खङी फिर से 

अगर इन कहानियों में 

है लेश मात्र भी सत्य तो फिर 

दुनिया का आखिरी इंसान 

नजर आ रहा पहला इंसान 

उस दुनिया का

जो बनायेगा वह 

अपनी मजबूत इच्छा शक्ति से।


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