दुल्हन
दुल्हन
दुल्हन बनेगी ये बिरली वुमनियां।
अब वो सजायेगी सपनों की दुनिया।।
वो थोड़ा जमाने से हटके चलेगी।
दुनिया के आँगन को रोशन करेगी।।
वो तो बनायेगी अपनी फिजायें।
कदमों उसके झुकेगी दिशाएं।।
सबको ही भायेंगी उसकी अदाएँ।
बहारें भी लेंगी फिर उसकी बलाएँ।।