मान देश का बढ़े कि सभ्यता बनी रहे देश प्रेम की अटूट श्रृंखला बनी रहे मान देश का बढ़े कि सभ्यता बनी रहे देश प्रेम की अटूट श्रृंखला बनी रहे
मेरी बहन मुझ से छोटी परिवार में भी सबसे छोटी, बनी मेरी प्रेरणा स्रोत काव्य के क् मेरी बहन मुझ से छोटी परिवार में भी सबसे छोटी, बनी मेरी प्रेरणा स्रोत...
शिद्दत में कोशिश जरूरी नहीं चाहत में थोड़ी भी दूरी नहीं मंजिल ठहरती नहीं है कभी मकसद शिद्दत में कोशिश जरूरी नहीं चाहत में थोड़ी भी दूरी नहीं मंजिल ठहरती नहीं है...
सीमा हीन शून्य में मंड़राती अभिलाषा निज मन में, तुमसे प्रीत जगते ही हुई प्रतिबिम्ब मे सीमा हीन शून्य में मंड़राती अभिलाषा निज मन में, तुमसे प्रीत जगते ही हुई प्रत...
इसने कैसी लिखी दास्ताँ मंजिलें बदली, बदल गया रास्ता। इसने कैसी लिखी दास्ताँ मंजिलें बदली, बदल गया रास्ता।
सबको ही भायेंगी उसकी अदाएँ। बहारें भी लेंगी फिर उसकी बलाएँ।। सबको ही भायेंगी उसकी अदाएँ। बहारें भी लेंगी फिर उसकी बलाएँ।।