Axan Mikaya
Romance
कोई रास्ता ना था पर मांजिल ढूंढते रहे
ऐसे ही हंसकर रोकर अपनी जिंदगी काटते रहे
कोई अपना ना था पर सबको अपना मानते रहे
तुम ना थी मेरे लकीरों में पर दुआओं में तुमको मानते रहे
जिंदगी
प्यार लौटा दो
यकीन
रुला रही है
तड़प
मुस्कुराना
फिर से इंसान ...
तुम्हारा हो ज...
और बस तन्हा र...
कोई आया नहीं
पांव ना टिके धरती पर और वो बस उड़ती रहे हवाओं में ! पांव ना टिके धरती पर और वो बस उड़ती रहे हवाओं में !
खारी-खारी बूंदें भी अमूल्य लगने लगती है ! खारी-खारी बूंदें भी अमूल्य लगने लगती है !
वो तुम्हारे गहरे आँखों को शून्यता में दिख जाऊँगी। वो तुम्हारे गहरे आँखों को शून्यता में दिख जाऊँगी।
तो बता क्या फिर से ऐसे ही तड़पाने आएगी तू। तो बता क्या फिर से ऐसे ही तड़पाने आएगी तू।
यह तुम्हारा ही नशा है, जिसने मुझे प्रेम में डुबोया है। यह तुम्हारा ही नशा है, जिसने मुझे प्रेम में डुबोया है।
तुझे तो याद होगा आसान काम कहां आता है मुझको। तुझे तो याद होगा आसान काम कहां आता है मुझको।
जब तुम लौट आओ घर को और कोई बहाना बाकी न हो। जब तुम लौट आओ घर को और कोई बहाना बाकी न हो।
वक्त की लहरों में जो छूट गए थे हाथ से। वक्त की लहरों में जो छूट गए थे हाथ से।
प्रेमरत सौभाग्य की मधुर बेला में प्रतीक्षा करो तुम तब तक। प्रेमरत सौभाग्य की मधुर बेला में प्रतीक्षा करो तुम तब तक।
अब शायद मौन हो गई हो रुह मेरी, पर तब भी, दिल में शायद धड़कनें बाकी है। अब शायद मौन हो गई हो रुह मेरी, पर तब भी, दिल में शायद धड़कनें बाकी ...
बस इक बार लास्ट सीन देखने वाली बेचैनियां इश्क़ है। बस इक बार लास्ट सीन देखने वाली बेचैनियां इश्क़ है।
सो को मेघ से लेकर स्वयं को अजर अमर समझूंगा मैं कालिदास तो नहीं किंतु।।।।। सो को मेघ से लेकर स्वयं को अजर अमर समझूंगा मैं कालिदास तो नहीं किंतु।।।।।
क्यूँ लगता है मयख़ानों की होती है, दुनिया केवल पैमानों की होती है। क्यूँ लगता है मयख़ानों की होती है, दुनिया केवल पैमानों की होती है।
यही ख़्याल ख़्याल न होकर रूबरू कुछ कह देता। यही ख़्याल ख़्याल न होकर रूबरू कुछ कह देता।
खोल दो मुक्त होकर हृदय द्वार अब रूप अवगुंठ मे कब तलक यूं छिपाओगी तुम खोल दो मुक्त होकर हृदय द्वार अब रूप अवगुंठ मे कब तलक यूं छिपाओगी तुम
छिप रहा है चाँद, पत्तों में कहीं फिर तुझसे मिलने की चमक देकर। छिप रहा है चाँद, पत्तों में कहीं फिर तुझसे मिलने की चमक देकर।
लिखकर रखना चाहती हूँ सबसे छुपा कर नहीं चाहती कोई परीक्षा लिखकर रखना चाहती हूँ सबसे छुपा कर नहीं चाहती कोई परीक्षा
एक दूसरे की धड़कन सुने, स्वर्ग की सैर पर चले। एक दूसरे की धड़कन सुने, स्वर्ग की सैर पर चले।
लिखा सभी ने कुछ न कुछ मैं तुम पर क्या संगीत लिखूँ ! लिखा सभी ने कुछ न कुछ मैं तुम पर क्या संगीत लिखूँ !
मैं से हम बनाने की उत्तकंठ अभिलाषा लिए तुम उस पल में एक योगाभ्यासिनी के स्वरुप मैं से हम बनाने की उत्तकंठ अभिलाषा लिए तुम उस पल में एक योगाभ्यासिनी...