दस्तूर
दस्तूर
इस दुनिया का
दस्तूर प्यारे
चित और पट
दोनो भी मेरा...!
सच है छोटा
झूट है मोठा
झूठ हंसता
सच्चा रोता...!
इन्सान के दो विचार
सदा एवं कुविचार
कुविचार झट आगे बढता
सदाचार अफसोस ही करता.!
झूठे-झूठे भाई-भाई
मिलकर खावे मलाई
सतमार्ग पर चले उसकी
निंदा एवं बुराई...!
