STORYMIRROR

Chandanlal Bisen

Tragedy

3  

Chandanlal Bisen

Tragedy

दस्तूर

दस्तूर

1 min
209


इस दुनिया का

दस्तूर प्यारे

चित और पट

दोनो भी मेरा...!


सच है छोटा

झूट है मोठा

झूठ हंसता

सच्चा रोता...!


इन्सान के दो विचार

सदा एवं कुविचार

कुविचार झट आगे बढता

सदाचार अफसोस ही करता.!


झूठे-झूठे भाई-भाई

मिलकर खावे मलाई

सतमार्ग पर चले उसकी

निंदा एवं बुराई...!


  


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy