कर्म के बिना ज्ञान अधुरा
कर्म के बिना ज्ञान अधुरा
मुझे ओंकारेश्वर जाना है,
उस रास्ते का है ज्ञान भरा।
पैर अपने ना उठवू तो,
क्या होंगे दर्शन ओंकारा।।1।।
मुझे लड्डू आता है बनाना,
इस लड्डू का है ज्ञान पुरा।
अगर ना करू हातो कि हलचल,
क्या लड्डू पुरा होगा मेरा।।2।।
फसल पकाना है खेतिमे,
खेती का ज्ञान है बहुत भरा।
अगर हल न चलावू खेतिमे,
पायें क्या फसल ढिगारा।।3।।
ज्ञान के साथ कर्म करो,
यह युगो युगो का है नारा।
इस बात की गाठ बांध लो भाई,
कर्म के बिना ज्ञान अधुरा।।4।।