दस्तक
दस्तक
दरवाज़े पर दस्तक कौन दे रहा है
अपनो ने तो नाता तोड़ लिया था
ग़ैरों ने तो हमसे मुँह मोड़ लिया था
लगता हे कोइ अजनबी आया है
सँभल कर रहना दिल यह पराया है
तुझे बहलायेगा और फुसलायेगा
तुझ से दिल लगायेगा
एक दिन तेरे जज़्बातों से खेल
तुझे रोता हुआ छोड़ जायेगा
तु उसके दस्तक के इन्तज़ार मे रह जायेगा।