दस्तक
दस्तक
दे जाते हो दस्तक
अक्सर तुम,
ठहर जाता है वक्त
वहीं कुछ।
वो लम्हा मेरा होता है,
जिंदगी की भागदौड़ में
सुकून हो तुम,
उलझनों के बीच
उलझते रहती हूँ,
कुछ पल को दिल को
करार मिलता है।
जो तुम दस्तक दे जाते हो,
दिल से
रूह तक तेरा सुरूर
छा जाता है।
चाहती हूँ
जिंदगी के इस भागमभाग में,
ट्रैफिक कंट्रोल की तरह,
तुम देते रहो दस्तक,
और जी लूँ मैं
उन पलों को अपने लिए भी।