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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

दशहरा पर्व :-

दशहरा पर्व :-

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कागज के पुतले मत फूंको


हमारे हिंद में हैं विविध त्यौहार,

जो देते हैं खुशियां बेशुमार।


इन पर्वों के हैं खास लक्ष्य और विचार।

इनसे से आता है जीवन में,


उत्साह,उमंग और सौहार्द अपार।

ये लाते हैं सद्भावना और सदाचार।


हरा भरा रहे सबका परिवार, 

मनाओ सभी दशहरा का त्यौहार।


गुजारिश है इस बार,

कागज के पुतले मत फूंको,


फूंकना है तो फूंको अहंकार। 

मिले सभी को स्नेह और प्यार,


कागज के पुतले मत फूंको,

फूंकना है तो फूंको मन के विकार।


मुखरित हो मोहब्बत और इंसानियत के विचार,

कागज के पुतले मत फूंको,


फूंकना है तो फूंको नफरत का व्यवहार। 

हो जीवन सबका नैतिकता से सरोबार,


कागज के पुतले मत फूंको,

फूंकना है तो फूंको ईर्ष्या-जलन के अंबार।


मिलो प्रेम से बोलो प्रेम से और बांटो दुलार,

कागज के पुतले मत फूंको,


फूंकना है तो फूंको कटु शब्दों की बौछार।

खुशियों के पल मत रखो उधार,


कागज के पुतले मत फूंको,

फूंकना है तो फूंको क्रोध के अंगार।


हो सर्वत्र खुशियों का भंडार, 

हो खुशहाल सभी का परिवार,


बधाई "अजय " की करें स्वीकार,

मुबारक हो दशहरा का त्यौहार, मुबारक हो दशहरा का त्यौहार।।



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