दरकार
दरकार
उनको बेवफ़ा कहें भी तो कैसे
जब वफ़ा का कोई वादा ही नहीं
उनको इक़रार करे भी तो कैसे
जब मोहोब्बत का इज़हार ही नहीं
उनको आलम कहें भी तो कैसे
जब सोहबत का मौसम ही नहीं
उनको आख़िर कहें तो कहें कैसे
दिल को दिमाग से कोई दरकार नहीं।
उनको बेवफ़ा कहें भी तो कैसे
जब वफ़ा का कोई वादा ही नहीं
उनको इक़रार करे भी तो कैसे
जब मोहोब्बत का इज़हार ही नहीं
उनको आलम कहें भी तो कैसे
जब सोहबत का मौसम ही नहीं
उनको आख़िर कहें तो कहें कैसे
दिल को दिमाग से कोई दरकार नहीं।