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संदीप सिंधवाल

Inspirational

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संदीप सिंधवाल

Inspirational

दरिया - कुंडलियां

दरिया - कुंडलियां

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बहता पानी क्या कहे,

सुन इसकी आवाज।

कहां सागर मंजिल है,

कहां किया आगाज।।


कहां किया आगाज,

कब तक हि बहते रहना।

मानस की गन्दगी,

कब तक हि ले कर बहना।।


कहे 'सिंधवाल' मित्र,

आप पीड़ा जल कहता।

आज थोड़ा भारी,

कल तक हल्का था बहता।।


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