दर्द
दर्द
आज हौले हौले से फिर दर्द ने दस्तक दी,
इतनी भी मुझसे क्या मोहब्बत तूने तो हद कर दी।
कभी घूमते फिरते मेहमान की तरह ही आ जाते,
तूने तो मेजबानी की शराफ़त को ही मात दे दी।
देखो इतनी भी मोहब्बत मुझसे करो यह अच्छी बात नहीं,
कभी कोई राह नहीं ढूंढ लिया करो ऐसी बात मैंने कर दी।
दर्द महाशय जी यह अच्छी बात नहीं है ऐसे पैर जमाने की आदत,
हमने तुम्हें अपनी रूह में पनाह क्या दी तुम ने कर दी।
अरे बाबा चला जाऊंगा तुम्हारी रुह से हौले हौले से,
फिर मत कहना तुम ने जाने में इतनी देर कर दी।
अब आया हूं तो देखो थोड़ी सी मेहमान नवाजी कर लो,
तुम में है सहनशक्ति इसलिए हमने यह खता कर दी।

