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भावना कुकरेती

Tragedy

4.8  

भावना कुकरेती

Tragedy

दर्द

दर्द

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ताउम्र रहेगा

अंगारा हुआ

दर्द यहां

रोज चिनार पीछे


लगेगा

उदास आसमां।

चन्द अश्क़

बिखरेंगे

आंगन धुलेंगे

गुमसुम

मुस्कान रहेगी।


वक्त लौटता नहीं

सबको पता

मगर उम्मीद

पहरों

ख्वाब सजायेगी।


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