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Manoj Kumar

Tragedy

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Manoj Kumar

Tragedy

दर्द के आवाज़

दर्द के आवाज़

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मेरे दर्द के आंसू, तेरे नाम के शब्द ढूंढ रहे हैं।

मिल जा एक बार ये सनम, मेरे सर की तुझे है कसम।

मै पलके बिछाए बैठा हूं, सूना है दिल का मकान।

कोई नहीं है बस तेरे अलावा, इतना तो कर रहम।


अधूरा मत छोड़ हमें, प्यार के बस्ती में।

कौन संभालेगा हमें, इन्हीं दर्द भरी किस्ती में।

तू नहीं तो मै डूब जाऊंगा, बहते पानी में।

अगर नहीं संभालेगी हमें, मै कांच हूं टूट कर बिखर जाऊंगा इन्हीं जवानी में।


कैसे भरूं ज़ख्म घाव के जो तूने दे गई।

रुलाया बहुत तूने, मुझसे मिलने न आई।

आज भी बुरा हाल है मेरा तुझे याद करके।

अगर जानता पहले से हम, कभी प्यार न करता आहें भर के।


जब जब छाई है हमें बेकरारी मिल नहीं पाया।

लिख कर हाथो में तेरा नाम, रगड़ कर मिटाया।

तुम्हें हर वक्त पुकारता रहा आंख भरी आंखो से।

मोहलत न मिली हमें तो, तूने हमें गलत ठहराया।


कैसे बताऊं तुम्हे कि तुम गलत हो हम बेहया।

ये तो मुकद्दर ही बता सकता हैं, कौन कितना रुलाया।

अब तो मेरी औकात नहीं रही, तेरे दौलत के आगे।

इसी लिए तो तूने इतना जल्दी ठुकरा दिया।


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