दर्द का साया ढल जाएगा
दर्द का साया ढल जाएगा
दर्द का साया ढल जाएगा,
आहिस्ता-आहिस्ता दिल का ज़ख्म भी भर जाएगा।
जो शख्स आँखों से ओझल हो गया है,
रफ्ता-रफ्ता वो आँखों से भी उतर जाएगा।
बेवक़्त, बेवजह जो साथ छोड़ जाते हैं
वक़्त आने पर वक़्त उनका भी हिसाब कर जाएगा
बेदर्द, बेजुबान और बेवफाओं की इस दुनिया में,
वफ़ा की गर तलाश करेंगे, तो दर्द और बढ़ जाएगा
किसी अजनबी से हाथ मिलाते हैं तो ठीक है,
दिल मिलाने की कोशिश करेंगे,तो दिल ज़रूर टूट जाएगा।
अपनी सारी तम्मनाओं को, एहसासों को, अपने दिल में ही
महफूज़ रखिए,गर किसी से इसका जिक्र करेंगे,
तो वो टूट के हवाओं में बिखर जाएगा।
ज़िन्दगी क्या है, एक सफर है, ये सफर भी कट जाएगा,
मुसलसल वक़्त का क्या है, ये वक़्त भी गुज़र जाएगा।
