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Manu Sweta

Abstract

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Manu Sweta

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दोस्ती

दोस्ती

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आओ दोस्तो संग कुछ मस्ती हो जाये

खुशिया महंगी और ज़िंदगी सस्ती हो जाये


वो दोस्तों के संग गुज़ारे हुए पल

आज फिर से ज़िन्दगी हसीन हो जाये


आओ धूम मचाये उन गलियों में

आज फिर से बचपन को जी लिया जाए।


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