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Atal Painuly

Abstract

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Atal Painuly

Abstract

दोस्ती ।

दोस्ती ।

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पुराने दोस्त जब मिलतें हैं,

दिल में अरमान खिलतें हैं 


चलो चलकर दुबारा हम,

उन्हीं यादों में चलते हैं,

जहां से शुरू हुई यारी,

उन्हीं ख्वाबों में बहतें हैं।


 जहां से शुरू हुई मस्ती,

 उन्हीं राहों में चलते हैं

जहां से शुरू हुआ हम -तुम,

वहीं पर यार चलतें हैं।


जिन हवाओं ने मिलाया है,

 उन हवाओं से मिलतें हैं,

जिन ग़मों  नें मिलाया है, 

उन्हीं से दिल खिलतें हैं।


बने थे जो कभी हम-दम ,

वो सब हम आज कहते हैं,

यार चलो चलकर दुबारा हम,

उन्हीं यादों में चलते हैं।


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