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सोमेन्द्र सक्षम

Abstract

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सोमेन्द्र सक्षम

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वो लड़की

वो लड़की

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तवज़्ज़ो दे के जाना है बड़ी जाहिल है वो लड़की

समंदर हूँ अगर मैं तो मेरा साहिल है वो लड़की


नज़र इक देख भी ले तो निग़ाहें कत्ल कर डालें

बड़ी मासूम सी है पर बड़ी क़ातिल है वो लड़की


कभी वो बेवफ़ा होगी कभी सोंचा नहीं मैंने

जिसे समझा था मामूली बड़ी क़ाबिल है वो लड़की


कोई है जल रहा मुझसे कोई तारीफ़ करता है

न जाने कितना क़ाबिल है इसे हासिल है वो लड़की


मेरी कोशिश है मैं सोमेन्द्र से सक्षम बनूँ क्योंकि

जिसे पाने की चाहत है बड़ी क़ाबिल है वो लड़की।


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