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Antariksha Saha

Tragedy

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Antariksha Saha

Tragedy

दोस्त नहीं अब हम

दोस्त नहीं अब हम

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दोस्त नहीं अब हम, दूर है कहीं तू

किसी और की बाहों में

मेरा भी नसीब चल पड़ा है किसी और के साथ।


लोग कहते हैं, पहला प्यार भुलाया नहीं जाता

हम कहते हैं भूलना भी क्यों है?

तब हम नासमझ थे वही दौर की यादें काफी है

पछतावा नहीं है बस वोह हसीन यादें हैं।


दोस्ती थी गलत होगा अगर कहूँ नहीं है

आज भी कभी अचानक मिल गए तो

एक झिझक सी रह जायेगी

शायद अजनबी बन के नज़रअंदाज़ कर देंगे ।


आज भी यह सवाल है

प्यार न सही एक दोस्त की तरह क्या हम मिल पाएंगे।


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