दोष
दोष
हर दोष अदालत पर न लगायें
हर जगह अदालत नहीं जाती
काम पुलिस करतीं हैं
जांच पुलिस करतीं हैं
जो सामने होगा वही
फैसला करेगी अदालत
गरीब अमीर का भेद भी
सरकारें पुलिस करतीं हैं
यही दोष है
जिस कारण
फैसले देर से
और दोषी छूट जाते हैं
जनता कौन सी कम है
जो अपराधियों को जीता
सरकार में बैठाती है
शुरुआत बदलाव की
हमसे करना है
अपराधियों को संसद नहीं
जेल भेजना है
सोचो और विचार करो
फिर अदालतों पर
अपने विचार रखो
