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Indu Jhunjhunwala

Romance

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Indu Jhunjhunwala

Romance

दोनो जहाँ रहे

दोनो जहाँ रहे

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मै और तुम,

बैठे साथ साथ,चुपचाप,

एक दूजे के

 नयनों का संसार।

खोकर खुद को ,

क्षितिज के उस पार।

ना मै ,मै रहूँ, 

ना तू ,तू रहे 

एक हम रहे।

बस रहे तो “इन्दु”

 दो , दोनों जहाँ रहे । 



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