विश्वास ना टूटे
विश्वास ना टूटे
बंजर नहीं ये धरती, अभी बीज ना फूटे।
बरसेगा देख सावन , बस सब्र ना छूटे ।
सांसों की डोर पतली है , तो क्या हुआ ऐ दोस्त,
मजबूत मन की प्यास , कहीं आस ना रूठे ।
तू रुकना नही ,झुकना हो झुक जाना , गम नहीं ,
आस-पास होने का, अहसास ना लूटे ।
सब साथी है , अकेला यहाँ कोई नही होता ,
रिश्तों के ताने-बाने हैं, बस हाथ ना छूटे।
अभी रात है तो क्या हुआ , इन्दु तो साथ है ,
सूरज भी साथ होगा, विश्वास ना टूटे।