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Arun Gode

Tragedy

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Arun Gode

Tragedy

दो हजार एक्कीस

दो हजार एक्कीस

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दो हजार एक्कीस भी था कोरोना से परेशान,

आपदा में अवसर ढूंढनाही झासांराम की पहचान,

मिटाने चला था किसानों की हस्ती, आन-बान-शान,

लाकर किसान विरोधी नये पुंजीवादी कृषि कानून। 


हरी टोपीवाले प्यारे किसानो के रखवाले,

प्यारे तुने कर दिखायां सदी का कमाल,

छेड के लंबा कृषि आंदोलन का धमाल,

मुरझाने लगा आखिर सत्ता का कमल।


चारों और से घेर के किया आक्रमण,

डरा नहीं सका तुझे कोरोणा का संक्रमण,

जेहादी,आंतकवादी,नक्षलवादी, राष्ट्रद्रोही,

अन्नदाता की बनाई मीडियाने पहचान।


सत्ताधारीयों का था एक मात्र अभियान,

मिटाके रहेगें किसान और किसान आंदोलन,

आजमा के सभी ओछे पडयंत्रों का क्रियानवयन,

विफ

ल नहीं कर सके जमिणी किसान आंदोलन।


भारत सरकार और पुरी दुनियां हुई हैंरान प्यारे, 

देखकर शांत, सयंमित संघटित लंबा आंदोलन,

सत्ताधीशों को दिन में दिखने लगे गर्दिश में तारे,

हो गये तीनों नये कृषि कानुनों के वारे-नारे।


दुनिया ने देखा और तुझे किया सलाम प्यारे,

षडयंत्रो की छडी कुटनीति से कैसे लगाई किनारे ?

बदनाम करनेवाले खुद ही हुये बेनकाब डर के मारे,

अंहकारी ने कैसे किसानों के सामने घुटने टेके प्यारे।


दिखा दिया विश्र्व को बाहुबली को कैसे झुकाना, 

अंहकारी भी झुकता हैं,सिर्फ आना चाहिये झुकाना, 

एक निशाने से कइयों का तमाम किया ठिकाना,

अब्दुला के शादी में बाहुबली कैसे बना बेगाना ?


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