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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

"दिल्ली दंगे-गद्दारी"

"दिल्ली दंगे-गद्दारी"

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दिल्ली में हुई,हनुमान जन्मोत्सव पर गोलीबारी

दिल्ली के जहांगीरीपुरी में हुई थी,साजिश भारी

सवाल है,किसने की भाईचारे के साथ,गद्दारी

जवाब न मिला हिन्दू भी उठा लेगा,तलवारी


फिर कैसे खिलेगी मेरे भारत मे अमन क्यारी

जो भी असामाजिक तत्त्वों उन्हें आप पकड़ो,

ओर उन्हें फांसी देने की करो,हिन्दवासी तैयारी

यह दंगे हिन्द गुलशन में है,बहुत बड़े हाहाकारी 


इन दंगाईयों पर जरा रहम न करो,दिल्ली पुलिस,

इनको मारो डंडे,मुँह से निकले छोड़ो,हमे जान प्यारी

अब न फैलाएंगे भविष्य में कभी ऐसी,बीमारी

हिन्द की छवि पूरे विश्व मे है,बहुत अलग,न्यारी


हर धर्म के ही लोग यहां पर भाईचारे से रहते है,

गर किसी ने भी इस भाईचारे पर कुल्हाड़ी मारी

बालाजी की कसम उसे सजा देंगे बहुत,भयंकारी

यह होगी बहुत बड़ी भारत के प्रति कसम हमारी


अब न चलेगी आस्तीन के सांपों की यहां पर यारी

हिंद के प्रति साखी तेरी बस यही होगी,वफादारी

यहां पर असामाजिक तत्व किसी भी कौम के हो,

उन पर सदा चलती रहेगी,साखी की कलम तलवारी।



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