'दिल की बात'
'दिल की बात'
कहतें है दिल कभी झूठ नहीं बोलता
इसकी भविष्यवाणी हमेशा सही राह ही दिखाती है
सपने साकार जरूर होते है एक दिन
राहें खुल जाती है हमारी कठिन से कठिन
मेहनत हमारी जरूर द्वार खोलती
भाग्य को भी करीब खींच लाती
पर दिल की लगन जब देखे तो
कई दिशाएँ नई दिखाती
जीवन को मिल जाता एक नया आकार
सपने भी हो जाते साकार
दुनिया के इस रंगमंच में
जिंदगी क्या-क्या खेल दिखाती है
सुख-दुख आता-जाता है
मन को खेल खेलाता है
पर मन के किसी कोने में
दिल अतृप्त सा रह जाता है
पर जब दिल की सुने हम
दिल हमारा खिल-खिल जाता है
समाज में व्याप्त वहशी पन को देख
जी आवाज उठाने को चाहता है
मन कहता है, क्यूं खतरा मोल लोगे तुम
पर दिल कहाँ ये सुन पाता है
नये-नये खतरे मोल लेने को
दिल हमारा मचल जाता है
जब मैं पंख फैलाना चाहती हूं
दूर गगन में उड़ जाना चाहती हूं
पर कभी नियति इसे काट डालती है
कभी समाज बंदिशें लगाता है
पर दिल कहाँ चुप रह पाता है
दिल की बात सुने अगर हम
ये ऊँची छलांग लगाता है
जब-जब मैं पग बढ़ाती हूं
राह काँटों से भर जाता है
सपने चूर-चूर हो जाते है
मन डर से घबरा जाता है
फिर भी दिल में नया अरमान
एक नई राह दिखाता है
नित नए सपने देखकर
मन खिल-खिल जाता है
लगता है सपना सच होगा
तभी अचानक तूफ़ान कही से आ जाता है
फिर भी दिल में ये आस सी जगती है
दिल की बात सच लगती है
उड़ान भरूॅंगी मैं भी एक दिन
आयेगा वो पल भी एक दिन
समुद्र की लहरों की तरह
दिल के भाव भी चढ़ते उतरते है
कभी मन ऊँचा उड़ता और कभी थक सा जाता है
पर ये पागल दिल मेरा
ऊँची कुलाचें मारता है
कुछ सपने नये दिखाता है
मुझे यूं लगता है कि चलो
ख्वाहिशों को छोड़कर
दिल की बात कुछ करते है
जिंदगी फिर से जीते है
आओ दोस्तों मिलकर हम
दिल की बात कुछ करते है
