सूख गये आज सातों समंदर हैं कैसा छाया झूठ,फ़रेब मंजर है सूख गये आज सातों समंदर हैं कैसा छाया झूठ,फ़रेब मंजर है
मुझे यूं लगता है कि चलो ख्वाहिशों को छोड़कर दिल की बात कुछ करते है जिंदगी फिर से जीते है आओ दोस्... मुझे यूं लगता है कि चलो ख्वाहिशों को छोड़कर दिल की बात कुछ करते है जिंदगी फिर...