दिल के जज्बात
दिल के जज्बात
कुछ खालीपन लगा जो जीवन में
कविता लिखकर उसे भरने की कोशिश की।
खामोशी को दी इक जुबां
बिना कहे ही सब कहने की हिम्मत की।
जख्म गहरे थे मन पर शब्दो को तरकश बनाया,
जब सामने से बोल ना सके ये लव
कविता लिखकर विचारों का तीर चलाया।
शब्द कम जज्बात ज्यादा होते है,
कविताओं में हमेशा दबे छुपे एहसास होते है।
इसीलिये जाने अनजाने ये कविता मेरी साथी हमराही हो गई,
मेरे जज्बातों की जुबां जख्मों का मरहम बन गई।
जब जब मैं कमजोर पड़ी ये मेरी ताकत बनगई।
" विश्व कविता दिवस की सभी को शुभकामनाएं"
