STORYMIRROR

kusum prashar

Classics

4  

kusum prashar

Classics

करवट

करवट

1 min
266

करवटों का दौर हमेशा ही चलता रहता है,

नही तो 

कमर अकड़ जाने का डर सदा बना रहता है।।


एक तरफ से दसूरी तरफ देखने का सुख,

और ललचाती आंखों का स्वप्न

जीवंत की लालसा से,

मुड़ जाने का मन करता है

करवटों का दौर हमेशा ही चलता रहता है…….

पुराने से नए का बदलाव,

सदा ही उकसाता है।।


मनुष्य तो क्या, कुदरत में भी ऐसा असर देखा जाता है,

फर्क सिर्फ इतना मनुष्य की करवट सुखों के लिए तरसती है

और कुदरत की करवट मनुष्य की

छेड़छाड़ से हुई तबाही बया करती है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics