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kusum prashar

Inspirational

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kusum prashar

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"मेरा भारत"

"मेरा भारत"

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एक लहर लहर

एक सहर सहर

हवा चली मतवाली थी

आजादी को पाने की

हर जन ने जब ठानी थी।।


मतवाले थे आजादी के मद में

परवानों सा काम किया

जगा दिया वतन को उन्होंने

जब आजादी का नाम लिया

इश्क और जुनून ने मिलकर

आजादी की अग्नि जलाई थी

कूद पड़े वीर बहादुर

जब बेड़ी तोड़ने की बारी आई थी।।


इक इच्छा और इक जोश से

क्रांति का बिगुल बजाया था

रणबांकुरों ने रणभूमि में

अपने रक्त का रंग जमाया था

क्या बच्चा , जवान , वृद्ध और 

क्या भारत की नारी 

नतमस्तक हो गया विश्व

जब आई बलिदान की बारी।।


झूल गए फांसी के फंदे पर

हंसकर जिन्होंने बलिदान दिया

उमर न देखी उन वीरों ने

आने वालों को आजादी का आसमान दिया।।


बड़ी मुश्किलों से पाई इस आजादी को

आओ मिलकर सब सम्मान दे

भारत मां के गौरव को

हमेशा ऊंचा स्थान दे।।


धन्य है भारत की भूमि है

धन्य हैं तेरे लाल

जब भी आई कोई मुसीबत

खड़ा रहा तेरा जवान

ना डरा कभी ,न रुका कभी

बुलंद हौसलों की इन उड़ानो में

बलिदान देने को सदा तैयार ।।



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