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अजय एहसास

Romance Tragedy Classics

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अजय एहसास

Romance Tragedy Classics

इक एहसास

इक एहसास

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हर बात पर यूं आंसू बहाया नहीं जाता 

हर बात दिल का सबको बताया नहीं जाता। 


सब घूमते हैं आज साथ में लिए नमक 

हर जख्म दिल का सब को दिखाया नहीं जाता।

हो दर्द सही इश्क का इनाम तो आता 

खाली ही सही हाथ में वो जाम तो आता।


उनको गुमान था न मुझे बाहें मिलेंगी 

पर मौत थाम हाथ मेरे साथ चलेगी 

अब तो लबों पे उसके मेरा नाम आ गया 

वो बेवफा है सबसे बताया नहीं जाता ।


मुझको जगह मिलेगी न उनको गुमान था 

पर मौत की आगोश में मेरा सामान था। 

मिलते हसीन चेहरे हैं दुनिया की भीड़ में 

दिल का जो हंसी हो वो भुलाया नहीं जाता। 


सब ही बने हैं दोस्त चाहे मिलता नहीं मन 

फिर भी संभालने को उनका थामा था दामन

अक्सर वही ठुकराते जिनका साथ देते हम

हमसे भी अब तो साथ निभाया नहीं जाता।


तुम्हारे प्यार में हमने बहुत ही चोट खाए हैं

जिसका हिसाब ना हो इतने दर्द पाए हैं ।

कहता हूं खाके अब मैं तेरे प्यार की कसम 

तेरा नाम बद्दुआ में लिखाया नहीं जाता ।।


हम दर्द से भी हाथ मिलाते चले गए 

गम में मिले जो आंसू बहाते चले गए 

हम खुद ही जला करते चिरागों सा दोस्तों 

पर दिल किसी का हमसे जलाया नहीं जाता।


वादा किए थे आएंगे महफिल में उनकी हम 

सोचे थे बिगड़ी बात गज़ल से ही जाए बन 

हमको दिए हैं दर्द का कुछ ऐसा वो 'एहसास' 

अब गीत प्यार का भी तो गाया नहीं जाता।।


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